अधूरी तैयारी से स्वच्छता सर्वेक्षण में कूदी पालिका

वर्ष 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में बुरी तरह पिछड़ी मुजफ्फरनगर नगर पालिका एक बार फिर शुरू हुए सर्वेक्षण में शामिल हो गई है। शहर की स्वच्छता की स्थिति पर गौर करें तो बीते वर्ष में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है। नगर पालिका घरों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से कूड़ा कलेक्ट करने की व्यवस्था भी पटरी पर नहीं आ सकी और न ही पालिका अधिकारी शहर के कूड़े का निस्तारण कार्य शुरू करा सके। प्रचार-प्रसार के अभाव में नागरिक अभी भी इस सर्वेक्षण से अनजान हैं।
बीते वर्ष नगर पालिका को स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश में 54वीं रैंक मिली थी, जबकि नेशनल स्तर पर 371वां स्थान रहा था। 2011 की जनगणना के अनुसार करीब साढ़े तीन लाख आबादी वाले नगर पालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बड़ी समस्या रही है। प्रतिदिन शहर में 150 टन से भी ज्यादा कूड़ा एकत्र होता है। नगर पालिका इसे किदवई नगर के डंपिंग ग्राउंड तक तो पहुंचा देती है, लेकिन वहां निस्तारण प्लांट करीब डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से बंद है। स्वच्छता सर्वेक्षण में कूड़ा निस्तारण महत्वपूर्ण बिंदु है। इस पर भी अंक दिए जाने हैं।
कूड़ा कलेक्शन की स्थिति बेहद खराब
नगर की कई कॉलोनियों में लोगों ने निजी तौर पर कूड़ा कलेक्शन के लिए कर्मचारी रखे हैं। ये कर्मचारी मासिक शुल्क लेते हैं और घरों से कूड़ा एकत्र कर डलावघर तक ले जाते हैं। नुमाइश कैंप, साकेत, नई मंडी, रामपुरम, जाट कॉलोनी समेत ऐसी कई कॉलोनियां हैं, जहां निजी तौर पर रखे कर्मचारी कूड़ा कलेक्शन का काम कर रहे हैं।
सूखा-गीला कूड़ा अलग करने की व्यवस्था ही नहीं
सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण बिंदु सूखा और गीला कूड़ा अलग करने की व्यवस्था ही नहीं है। नगर पालिका ने अग्रवाल मार्केट, एसडी मार्केट समेत एक-दो अन्य जगहों पर गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन लगवाए थे, लेकिन इनमें से अधिकांश उखड़ गए हैं। जो बचे हैं उनमें भी कूड़ा अलग-अलग नहीं डाला जा रहा। यदि डाल भी दिया जाए तो नगर पालिका की सूखा और गीला कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था ही नहीं है। कुछ वाहन दो ट्रॉली वाले पालिका के पास हैं, लेकिन इनमें भी कूड़ा अलग नहीं किया जाता। सब एक साथ ले जाकर डाला जाता है।
सर्वेक्षण में शामिल इन बिंदुओं पर मिलेंगे अंक
- कूड़ा कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था
- कूड़े की प्रोसेसिंग एवं डिस्पोजल
- शहर की ओडीएफ की स्थिति
- अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग की स्थिति
- स्वच्छता का प्रचार-प्रसार
- नगर पालिका ने स्वच्छता पर कुछ अलग से कार्य किया हो
- शासन से गठित टीमों निरीक्षण में मिली स्थिति
- नागरिकों का सफाई, कूड़ा कलेक्शन, निस्तारण आदि पर फीड बैक।
- कार्यालयों में डाक्यूमेंट की स्थिति
- ऑनलाइन पोर्टल एवं स्वच्छता एप पर अपलोडिंग की स्थिति।
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इन्होंने कहा...
- स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए तेजी से काम चल रहा है। नागरिकों से संपर्क कर फीड बैक पर जोर दिया जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों से सात ब्रांड एंबेसडर बनाए गए हैं। कूड़ा निस्तारण के लिए भी अनुबंध की प्रक्रिया चल रही है।
- विनय कुमार मणि त्रिपाठी, ईओ, नगर पालिका।